परिचय
वहली डिक्री योजना गुजरात सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे बेटियों की देखभाल और पढ़ाई-लिखाई बेहतर कर सकें।
योजना का उद्देश्य और महत्व

वहली डिक्री योजना का मुख्य उद्देश्य स्त्री भ्रूण हत्या को रोकना और समाज में बेटियों की संख्या बढ़ाना है। यह योजना बेटियों को शिक्षा के अवसर प्रदान कर उनके सशक्तिकरण की दिशा में काम करती है। इससे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को गति मिलती है और परिवारों में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होती है।
पात्रता मानदंड
- लाभार्थी परिवार गुजरात का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- बेटी का जन्म 2 अगस्त 2019 या उसके बाद होना आवश्यक है।
- परिवार की वार्षिक आय ₹2,00,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- बेटी परिवार की पहली से तीसरी संतान के बीच होनी चाहिए।
- माता-पिता का वैध विवाह होना चाहिए और बाल विवाह अधिनियम के तहत आयु सीमा पूरी होनी चाहिए।
योजना के प्रमुख लाभ
वहली डिक्री योजना के तहत कुल ₹1,10,000 की सहायता तीन किस्तों में दी जाती है:
- पहली किस्त: ₹4,000 – बेटी के पहले कक्षा में प्रवेश पर।
- दूसरी किस्त: ₹6,000 – बेटी के नवमी कक्षा में प्रवेश पर।
- तीसरी किस्त: ₹1,00,000 – बेटी के 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर उच्च शिक्षा या विवाह सहायता के लिए।
आवेदन प्रक्रिया
लाभार्थी इस योजना के लिए अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है:
- बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
- माता-पिता के आधार कार्ड और आय प्रमाण पत्र
- विवाह प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की कॉपी
- राशन कार्ड की कॉपी
योजना का सामाजिक प्रभाव
यह योजना बेटियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करती है। बेटियों को शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर अवसर मिलने से वे आत्मनिर्भर बनती हैं और समाज में समान अधिकार प्राप्त करती हैं। इसके साथ ही यह योजना बेटियों के जातीय और लैंगिक भेदभाव को कम करने में मददगार साबित हो रही है।
निष्कर्ष
वहली डिक्री योजना बेटियों के उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है। जो भी परिवार इस योजना के पात्र हैं, उन्हें इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता देती है बल्कि बेटी बचाने और पढ़ाने की जागरूकता भी बढ़ाती है।